नई दिल्ली, एजेंसियां। देश में कोरोना संक्रमण के चलते हालात अच्छे नहीं है। केरल में तो स्थिति बेहद खराब है। सुप्रीम कोर्ट ने केरल में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच छह सितंबर से 11वीं कक्षा की परीक्षा शारीरिक रूप से आयोजित करने के राज्य सरकार के फैसले पर अंतरिम रोक लगा दी है। शीर्ष अदालत ने कहा कि केरल में हालात चिंताजनक हैं। ऐसे में कम उम्र के बच्चों को जोखिम में नहीं डाला जा सकता है क्योंकि राज्य में हर रोज लगभग 35 हजार मामले सामने आ रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कोरोना से मरने वालों के परिजनों को मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने के लिए दिशानिर्देश तैयार करने में देरी पर भी नाराजगी जताई और केंद्र सरकार को 11 सितंबर तक अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने के आदेश दिए।न्यायमूर्ति एमआर शाह और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस की पीठ ने मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने के लिए दिशानिर्देश तैयार करने में देरी पर नाराजगी जताते हुए कहा कि हमने बहुत समय पहले आदेश पारित किया था। हम पहले ही एक बार डेडलाइन को बढ़ा चुके हैं। ऐसा लग रहा है कि जब तक आप दिशानिर्देश तैयार करेंगे तब तक तो महामारी का तीसरा चरण भी समाप्त हो जाएगा। इस पर केंद्र की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सर्वोच्च अदालत को आश्वस्त किया कि इस मसले को लेकर सभी चीजें विचाराधीन हैं।