
लखनऊ : डीजीपी मुख्यालय ने श्रावण माह तथा कांवड़ यात्रा को सकुशल संपन्न कराने के लिए व्यापक पुलिस प्रबंध किए हैं। सुरक्षा के दृष्टिगत प्रदेश के समस्त जनपदों में 1056 संवेदनशील स्थान और हॉट-स्पाट्स चिन्हित करते हुए जोन एवं सेक्टर स्कीम के अन्तर्गत पुलिस बल तैनात किया गया है। समस्त महत्वपूर्ण हॉटस्पॉट व आयोजन स्थलों पर 1448 क्यूआरटी टीमों की तैनाती की गई है।
स्पेशल डीजी कानून-व्यवस्था एवं अपराध प्रशांत कुमार ने बताया कि कांवड़ यात्रा तथा श्रावण माह के विभिन्न आयोजनों को सकुशल सम्पन्न कराने के लिए मुख्यालय स्तर से 243 कंपनी पीएसी, तीन कंपनी एसडीआरएफ, सात कंपनी सीएपीएफ को राजपत्रित अधिकारियों के नेतृत्व में तैनात किया गया है। वाराणसी, मेरठ, बागपत, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर तथा शामली में विशाल कांवड़ यात्रा, वृहद आयोजनों तथा श्रद्धालुओं की अपार संख्या के दृष्टिगत 13 अपर पुलिस अधीक्षक, 33 पुलिस उपाधीक्षक, 75 निरीक्षक, 244 उप निरीक्षक, 1250 महिला आरक्षी, 22 निरीक्षक एवं उप निरीक्षक यातायात, 150 मुख्य आरक्षी एवं आरक्षी यातायात, तथा एटीएस की कमांडो टीमों को भी समस्त आवश्यक उपकरणों एवं संसाधनों सहित तैनात किया गया है।
अन्य राज्यों से भी समन्वय
कांवड़ यात्रा को सकुशल संपन्न कराने के लिए उत्तराखंड, हरियाणा, राजस्थान, पंजाब तथा दिल्ली के वरिष्ठ पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों के साथ कार्ययोजना तैयार की गयी है। धर्मगुरुओं व अन्य विभागों के साथ समन्वय एवं संवाद स्थापित करते हुए सुदृढ़ पुलिस प्रबंध किया गया है। नदियों एवं घाटों पर समुचित बैरिकेटिंग, प्रकाश, गोताखोर, गहरे पानी की सुरक्षा पट्टिका तथा पीएसी की फ्लड टुकड़ी एवं जल पुलिस का प्रबंधन किया गया है। कांवड़ यात्रा मार्ग, महत्वपूर्ण शिवालय मंदिर, नदी घाट तथा कांवड़ शिविर पर अधिक से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगवाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
।महिला पुलिसकर्मियों की ड्यूटी
इस दौरान सादे वस्त्रों में भी महिला व पुलिसकर्मियों की टीमों को बाडी वार्न कैमरे, वाइना कूलर, ड्रैगन लाइट, एचएचएमडी, वायरलेस स्टेटिक एवं हैंड हेल्ड सेट तथा लाउड हेलर के साथ लगाया गया है। संवेदनशील स्थलों पर ड्रोन कैमरे तथा हाई रिजोल्यूशन सीसीटीवी से निगरानी की जा रही है। यूपी 112 के 4800 दोपहिया एवं चाैपहिया वाहन सघन पेट्रोलिंग कर रहे हैं। दंगा नियंत्रण उपकरणों के साथ राजपत्रित अधिकारियों के नेतृत्व में निरंतर फ्लैग मार्च तथा रूट मार्च किया जा रहा है। अभिसूचना तंत्र तथा सोशल मीडिया सेल के जरिए अफवाह फैलाने वाले असामाजिक एवं अराजक तत्वों को चिन्हित किया जा रहा है।