
तालाबों पर भारी भीड़
जलाशय को व्रत धारी महिलाओं ने दिया दीपदान
गंगा आरती का भव्य आयोजन
(प्रमोद कुमार)दुद्धी, सोनभद्र । सूर्योपासना के महापर्व छठ पर रविवार को महिलाओं ने श्रद्घा और तप का निराजल व्रत रखा। दोपहर बाद गाजे-बाजे के साथ नदी और तालाबों पर पहुंची, तो वहां जन सैलाब उमड़ पड़ा। सूर्य उपासना के लिए घंटों पानी में खड़ी रहीं और अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया। अपनी मनोकामनाओं को पूरी करने के लिए घाटों पर दीप दान किया। इस दौरान घाटों पर दिव्य छटा दिखी। छठी माता के पारंपरिक गीतों से पूरे माहौल गूंजता रहा। इस दौरान नदी और सरोवरों के तट विद्युत रोशनियों से जगमगा उठे। दोपहर बाद से छठ मैय्या के जयजयकारे से पूरा जिला गूंज रहा था। छठ भगवान भाष्कर का महापर्व है। महिलाएं तेजस्वी पुत्र के लिए छठ का कठिन व्रत रखती हैं।

नगर से लेकर गांव-देहात तक निराजल व्रत रही महिलाओं की आस्था दोपहर बाद से नदी और तालाबों की ओर उमड़ पड़ी थी। गाजे-बाजे के साथ छठ मैय्या की गीत गाती व्रती महिलाओं के आगे उनके पति या फिर परिवार कोई अन्य पुरूष सदस्य डलिया में पूजन सामग्री लिए जा रहे थे।दुद्धी कस्बे के प्राचीन शिवाजी तालाब, कैलाश कुंज द्वार मल्देवा, हिरेश्वर मंदिर, दुर्गावती घाट वीडर ठेमा नदी खजुरी, दिघुल, जावर धनौरा लकड़ा बंद कनहर नदी छठ घाट टेढ़ा, अमवार, नगवा सहित अन्य घाटों पर चार बजे के बाद से ही श्रद्घालुओं का रेला लगा गया था। घाटों पर तिल रखने भर के लिए भी जगह नहीं बची थी। अपनी-अपनी वेदियों के सामने पूजन सामग्री रख व्रती महिलाएं नदी के पानी में पश्चिम मुख किए खड़ी थी, तो साथ के लोग घाट पर उमड़े हुए थे।

अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने का समय आया, तो सभी के हाथ अर्घ्य देने के लिए आगे बढ़ते गए। व्रती महिलाओं के साथ परिवार के अन्य सदस्यों ने अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया। वेदियों पर पूजन-अर्चन के बाद दीप जलाए गए। दीप जलते नदी के घाट जगमगा उठे। विद्युत झालरों से सजे घाट दुधिया रोशनी से नहा उठे। इस दौरान घाटों पर भीड़ पर नजर रखने के लिए पुलिस के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। जय बजरंग अखाड़ा समिति के अलावा अन्य समितियां घाटो पर महिलाओं की निगरानी के लिए पैनी नजर बनाए हुए थे। प्राचीन तालाब पर गंगा आरती का भव्य आयोजन किया गया जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया मनमोहक दृश्य देखने का नजारा ही बन रहा था।
