स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की सिंडिकेट
(प्रमोद कुमार)दुद्धी, सोनभद्र । तहसील मुख्यालय व आस पास के ग्रामीण क्षेत्रों में लम्बे चौड़े बोर्ड लगा कर आदिवासी जनता के साथ आर्थिक शोषण किया जा रहा है लम्बे चौड़े रंगीन बोर्ड लगा कर तमाम तरह के बीमारियों का शर्तिया इलाज करने का ठेका लेते है । कुछ दिन दवा इलाज करने के बाद स्थिति खराब होने पर मरीजों को जिला मुख्यालय पर सिंडिकेट के तहत चलने वाले अस्पतालों में भर्ती कराए जाते है जहा पर उनके साथ लूटपाट का सिलसिला जारी हो जाता है । लाचार होकर आदिवासी अशिक्षित व गरीब लोग अपने मरीज को ठीक कराने के नाम पर बकरी बैल व जमीन तक बेच दे रहे है इतना ही नही सरकारी अस्पताल पर तैनात एनएम सेंटरों पर एनएम व आशा कार्यकर्ती इन अस्पतालों के लिए दलाल की भूमिका निभा रहे है ।इन आशा कार्यकर्ती व एनएम का अगर मोबाइल का सीडीआर जांच हो तो दुद्धी में चल रहे झोला छाप अस्पतालों के संचालकों के साथ प्रतिदिन दर्जनों बार बातचीत के कॉल डिटेल प्राप्त होंगे इनको मरीज पहुंचाने के एवज में सम्पूर्ण इलाज में 25%तक कमीशन संचालकों द्वारा देने का चर्चा है ।इतना ही नही विभिन्न प्रकारों के बीमारियों के जांच के नाम पर कई पेथोलाजी सेंटर कस्बा सहित ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य विभाग चिकित्साधीक्षक के विशेष कृपा से फल फूल रहा है इतना ही नही 98% अस्पताल बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहे है अगर योगी सरकार एसआईटी जांच कराए तो स्वास्थ्य विभाग के करतूत के सारे पोल खुल जाएंगे। इस अवैध से तमाम लोग मिले की मिली भगत भी उजागर होगी।