
1- भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री रही इंदिरा गांधी जी
3- उनके कार्यकसल में ‘इंदिरा इज इंडिया,इंडिया इज इंदिरा’ का नारा गूंज रहा था
सोनभद्र : उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य आशुतोष कुमार दुबे (आशु ) के साथ नौजवानों ने भारत की पूर्व-प्रथम महिला प्रधानमंत्री, आयरन लेडी ,भारत रत्न स्व0इंदिरा गांधी जी की जयंती वार्ड नंबर 20 में मनाई।
आशु दुबे ने कहा कि स्व0इंदिरा गांधी जी का जन्म 19 नवंबर 1917 में हुआ था।वर्ष 1966 से 1977 तक लगातार 3 पारी के लिए भारत गणराज्य की प्रधानमन्त्री रहीं और उसके बाद चौथी पारी में 1980 से लेकर 1984 में उनकी राजनैतिक हत्या तक भारत की प्रधानमंत्री रहीं। वे भारत की प्रथम और अब तक एकमात्र महिला प्रधानमंत्री थी।
उनके भीतर गजब की राजनीतिक दूरदर्शिता थी। उनके पिता स्व0 पंडित जवाहर लाल नेहरू जी(देश के प्रथम पूर्व-प्रधानमंत्री) आजादी की लड़ाई का नेतृत्व करने वालों में शामिल थे। वही दौर रहा, जब 1919 में उनका परिवार बापू के सानिध्य में आया और इंदिरा ने पिता नेहरू जी से राजनीति का ककहरा सीखा।मात्र 11 साल की उम्र में उन्होंने ब्रिटिश शासन का विरोध करने के लिए बच्चों की वानर सेना बनाई। 1938 में वह औपचारिक तौर पर इंडियन नेशनल कांग्रेस में शामिल हुईं और 1947 से 1964 तक अपने प्रधानमंत्री पिता नेहरू के साथ उन्होंने काम करना शुरू कर दिया।पूर्व- प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी जी को राजनीति विरासत में मिली थी और ऐसे में सियासी उतार-चढ़ाव को वह बखूबी समझती थीं।पिता के निधन के बाद कांग्रेस पार्टी में श्रीमती इंदिरा गांधी जी को लोग बहुत मानते थे और उनमें लोगो को पार्टी एवं देश का नेता दिखने लगा। वह सबसे पहले लाल बहादुर शास्त्री के मंत्रिमंडल में सूचना एवं प्रसारण मंत्री बनीं। शास्त्री जी के निधन के बाद 1966 में वह देश के ‘प्रधानमंत्री’ के पद पर आसीन हुईं।
कांग्रेस नेता श्रीकांत मिश्रा ने कहा कि देश आज भी इंदिरा गांधी के किए गए कार्यों का लोहा मानता है और उनकी क्षमता एवं कार्यशैली से आज भी लोगों को सीखने को मिलता है। मुख्य रूप से उपस्थित रहने वालों में सूरज वर्मा ,ओमप्रकाश भारती, संजय केसरी, रामदेव भारती, मनोज प्रताप वर्मा ,दूधनाथ भारती, बबलू उपस्थित रहे ।