
(नसीम सिद्दीकी) कोन/सोनभद्र । हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी मोहर्रम पर्व का मातमी त्योहार कोन में बड़े अहेतराम के साथ ताजिया व आलम झंडा जुलूस निकाल कर मनाया गया । जिसमे कोन के अलावा देवाटन, बरवाखाड़, खरौधी, बरवाडीह आदि गाँवो से सभी मोहर्रम के उस्तादों के द्वारा अपने अपने ताजिया लिए प्राचीनतम कोन अखाड़े(देवाटन चौराहा) पर पहुंचे जहां सभी मोहर्रम के उस्तादों द्वारा तलवार भाला लाठी-डंडे का खेल प्रदर्शन किया गया। इस मोहर्रम के दौरान अखाड़े में एक छोटा बच्चा ने तलवार खेल कर लोगो का दिल जीत लिया।हजरत इमाम हुसैन का नाम बुलंद होता रहा या अली या हुसैन नारे तकवीर अल्लाहूअकबर नारों से शहर गूंजता रहा । हुसैन के दीवाने यहाँ खेल दिखाने के बाद कतारबद्ध होकर ताजियादार ताजिए लेकर इमामबाड़ा (कर्बला ) के लिए रवाना हुए। इमामबाड़ा (कर्बला)में ताजिया दफन कर दिए तो सबकी आंखें नम हो गईं। इसके बाद कर्बला पर ईमामे हुसैन के नाम फातीया पढ़ अमन चैन की दुआयें माँगी । रास्ते में तमाम जगहों पर हिंदू-मुस्लिम भाईचारे की मिसाल देखने को मिली। दुनिया के विभिन्न धर्मो के बहुत से त्योहार खुशियों का इजहार करते हैं, लेकिन कुछ ऐसे भी त्योहार हैं जो हमे सच्चाई और मानवता के लिए दी गई शहादत की याद दिलाते हैं। ऐसा ही त्योहार है मुहर्रम, जो पैगंबर हजरत मुहम्मद साहब के नवासे इमाम हुसैन और उनके साथियों की शहादत की याद में मनाया जाता है।
हजरत इमाम हुसैन के बारे में लोगो ने कहा है,

“हुसैन जैसा शहीदे आजम जहां में कोई हुआ नहीं है ,छुरी के नीचे गला है लेकिन कोई किसी से गिला नहीं है”
मुहर्रम के इस मौके पर इलाकाई हेड सदर राजिक अली, ग्राम प्रधान देवाटन वसिउल हसन, कोन सदर लियाकत अली, समीम सिद्दीकी, ग्राम प्रधान कोन संतोष कुमार पासवान, भूपेन्द्र शर्मा, सादिक अली, मंजूर अली, पूर्व प्रधान इबरार अली, मु0 एजाज, मंसूर अली, आफताब रज़ा, जशीम सिद्दीकी, एकराम अली, पप्पू रहमानी, सद्दाम हुसैन, साकिर , सब्बीर समेत सैकड़ो लोग मौजूद रहे । आज यहाँ सभी लोगो ने पूरे ऐखलाख व मुहब्बत के साथ पर्व को धूम धाम से मनाये । इस अवसर पर हिन्दू मुस्लिम बंधुओं ने बढ़ चढ़ कर भाग लिया। वही ग्राम प्रधान कोन के द्वारा पानी की भी व्यवष्ठा की गयी थी। इस अवसर पर सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर थाना प्रभारी निरीक्षक अमरजीत चौहान व् उपनिरीक्षक साहिद यादव मय हमराहियों के साथ मौजूद रहे।