
फ़सल की अच्छी पैदावारी के साथ मनुष्य की सेहत व मृदा की सेहत रहती है बरक़रार
(प्रमोद कुमार)दुद्धी सोनभद्र । सभी साधन समितियों पर किसानों को खाद के रूप में नैनो यूरिया का विकल्प सरकार विगत दो वर्षों से दे रही है लेकिन जागरूकता अभाव में किसान इसे खरीदने से कतरा रहे है जिससे इसकी बिक्री ना के बराबर हो रही है ,जिसको लेकर केंद्र संचालक चिंतित है| नैनो लिक्विड यूरिया की एक बोतल एक बोरी यूरिया के बराबर होती है जो एक एकड़ लगभग डेढ़ बीघे की फसल के लिए पर्याप्त होती है |जहां ये नैनों यूरिया ट्रांसपोर्टिंग से भी बचाव होता है वहीं दानेदार यूरिया से बेहतर विकल्प है |
एडीओ कृषि सर्वेश कुमार सैनी ने बताया कि दानेदार यूरिया में पौधा उग नही पाता क्योंकि जब किसान भाई इसे खेतों में छिटते है तो ये यूरिया नमी व पानी से गलकर पौधों के जड़ों तक पहुँच जाती है,अधिक प्रयोग से जमीन भी बंजर हो जाती है ,अत्यधिक प्रयोग से अनाज में रसायन आ जाता है ,जिसका उपयोग के व्यक्ति गंभीर बीमारियों से ग्रसित हो जाता है |इसके विकल्प के तौर पर वैज्ञानिकों ने नैनों यूरिया ईजाद किया है जिसकी एक बोतल एक एकड़ खेत के लिए पर्यापत है है इसका निर्देशानुसार मूल रसायन से पानी मे घोल तैयार कर छिड़काव करें|इसके प्रयोग से जहाँ पैदावार बढ़ेगी वहीं मनुष्य व मृदा के स्वास्थ्य पर भी कम प्रभाव पड़ेगा | उन्होने किसानों से आग्रह करते हुए नैनो युरिया के प्रयोग पर जोर दिया है|