सोनभद्र जनपद बना आदिवासी/ दलित उत्पीड़न का केंद्र-रामराज


1-पीड़ित गुलाब कोल के घर जाकर लिया हालात का जायजा
2-ओबरा विधानसभा के टूसगाँव टोला निवासी हैं गुलाब कोल
3-भाजपा सरकार में दलितों पर क्यों हो रहा अत्याचार

सोनभद्र : जिला कांग्रेस कमेटी सोनभद्र का प्रतिनिधिमंडल ओबरा विधानसभा के टापू निवासी, टोला- टूसगांव गुलाब कोल के घर पहुंचा कुछ दिनों पहले सोशल मीडिया के माध्यम से प्राप्त जानकारी के अनुसार गुलाब कोल के ऊपर कान के पास किसी व्यक्ति द्वारा पेसाब कर दिया गया था, जो घटना सोशल मीडिया पर बहुत वायरल भी हुई थी इसको मद्देनजर देखते हुए उक्त स्थान पर पहुंचकर जब पता लगया गया तो वहां स्थानीय निवासी विशाले पुत्र- रामबरन कोल से मुलाकात हुई। जिन्होंने बताया कि हम लोगो के पहुंचने के करीब एक से डेढ़ घंटे पूर्व ही प्रशासन गुलाब कोल को वहां से ले जा चुकी थी कारण पूछने पर विशाल कोल द्वारा कोई भी स्पष्ट बात नहीं बताई जा सकी, देखने और समझने से लग रहा था कि प्रशासन प्रतिनिधिमंडल से गुलाब कोल को नहीं मिलने देना चाह रही थी। जिला अध्यक्ष रामराज सिंह गोड़ ने कहा कि एक तरफ तो आदिवासियों के साथ इस तरह का व्यहवार हो रहा है वह भी ऐसे जगह पर जहां के विधायक खुद आदिवासी हैं बावजूद इसके दलित/ आदिवासियों का शोषण हो रहा है इसका जिम्मेदार कौन हैं ,जिला महासचिव बृजेश तिवारी/ नागेश्मणि पाठक ने कहा कि यह घटना काफी निन्दनीय है ये चाहे जिस प्रकार से भी घटित हुआ छोटी मानसिकता को दर्शाता है ।उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य आशुतोष कुमार दुबे(आशु) ने कहा कि अभी कुछ दिनों पहले ही एक वीडियो और वायरल हुआ था जिसमें चप्पल पर थूक चटाने का कार्य करवाया गया था जिसमें हमारे उत्तर प्रदेश के प्रांतीय अध्यक्ष माननीय अजय राय जी आए थे उस समय भी हम लोगों को पीड़ित से नहीं मिलने दिया गया था और आज फिर जब अध्यक्ष जी के साथ हम लोग आए हैं तो उस व्यक्ति से मुलाकात नहीं हो पा रही जो यह दर्शाता है की मौजूदा समय में पीड़ित व्यक्ति से मुलाकात होना भी कितना कठिन है यह सरकार किस तरीके से काम कर रही है,हम घटना की निंदा करते हैं, महासचिव कैलाश जी ने बोला कि कांग्रेस पार्टी सबको साथ लेकर चलने का काम करती है इसलिए अगर कहीं कोई घटना होती है तो वहां कांगेस पार्टी पहुंचने का और घटना को जानने का काम करती है, संतोष सिंह नेताम व बाबूलाल पनिका ने कहा कि आदिवासी सबसे सरल/ सीधे होते है और वह परपंच में पड़ने का काम नहीं करती लेकिन जिस तरह की क्रिया विधियां हो रही हैं वह दर्शाती है कि आदिवासियों की इस सरकार में कितनी उपेक्षा है, साथ में रहने वालों में शेखर शरण सिंह, ईश्वर प्रसाद गोड़,राधेश्याम गोड़ मुख्य रूप से उपस्थित रहे।

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