
अनपरा : न्याय की अन्याय पर, सदाचार की दुराचार पर, धर्म की अधर्म पर, गर्व की अहंकार पर, अच्छाई की बुराई पर, सत्य की असत्य पर और अंधकार पर उजाले के विजय का प्रतीक विजय दशमी का पर्व मंगलवार को हर्षोल्लास मनाया गया। इस दौरान जगह-जगह रावण के साथ ही उसके पुत्र मेघनाथ व भाई कुंभकरण का पुतला दहन किया गया। भगवान श्रीराम ने जैसे ही रावण के पुतला में आग लगाई पूरा रामलीला मैदान जय श्रीराम के जयकारे से गूंज उठा। इसके पूर्व राम-रावण के भयंकर युद्ध का भी दर्शकों ने आनंद उठाया।
नगर के 4 स्थानों पर जलाया गया रावण : नगर के विभिन्न स्थानों पर कई दिनों से चल रही रामलीला के समापन अवसर पर मंगलवार को नगर के 4 स्थानों पर रावण वध किया गया। जगह-जगह बने विशालकाय दशानन के पुतले में जैसे ही आग लगी पूरा क्षेत्र जय श्रीराम के जयकारे से गूंज उठा। अधर्म पर धर्म की इस जीत को देखने के लिए भारी संख्या में भीड़ उमड़ी रही। ककरी में विशालकाय 60 फीट का रावण आकर्षण का केंद्र रहा। रेनुसागर नगर में स्थित रामलीला मैदान में रावण वध देखने के लिए दोपहर लगभग तीन बजे से ही भीड़ उमड़ने लगी थी। शाम लगभग 7 बजे जब भगवान श्रीराम और दशानन के बीच युद्ध शुरू हुआ तो रामलीला मैदान में पांव रखने भर की जगह नहीं बची थी। राम-रावण युद्ध के बीच-बीच में जय श्रीराम के जयकारे लगते रहे। भगवान राम ने जैसे ही रावण के नाभिकुंड में तीर मारा तो रावण का विशालकाय पुतला धू-धू कर जलने लगा। रावण के साथ मेघनाथ व कुंभकरण का भी पुतला दहन किया गया।