एक लाख रूपये बतौर क्षतिपूर्ति वादी मुकदमा को देने के लिए डाक्टर महेंद्र को 60 दिन में जमा करने का आदेश
- जेल में बितायी अवधि सजा में समाहित की जाएगी
- नौ साल पूर्व डिलेवरी के दौरान लापरवाही पूर्वक आपरेशन करने से हुई कलावती की मौत का मामला
सोनभद्र। नौ वर्ष पूर्व डिलेवरी के दौरान लापरवाही पूर्वक आपरेशन करने से हुई कलावती की मौत के मामले में शुक्रवार को सुनवाई करते हुए सत्र न्यायाधीश अशोक कुमार यादव की अदालत ने दोषसिद्ध पाकर दोषी डाक्टर महेंद्र को छह माह की कैद की सजा सुनाई। साथ ही एक लाख रूपये बतौर क्षतिपूर्ति वादी मुकदमा को देने के लिए डाक्टर महेंद्र को 60 दिन में देने का आदेश दिया है। वहीं जेल में बिताई अवधि सजा में समाहित होगी।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक बभनी थाना क्षेत्र के जरहा टोला बभनी निवासी विद्या शंकर पुत्र बरसन ने म्योरपुर थाने में दी तहरीर में अवगत कराया था कि उसकी पत्नी कलावती की डिलेवरी होने वाली थी। उसकी पत्नी को 29 सितंबर 2014 को रात में डिलेवरी का दर्द होने लगा। जिसकी वजह से पत्नी को म्योरपुर थाना क्षेत्र के लिलासी मोड़ स्थित लक्ष्मी सेवा केंद्र में भर्ती करा दिया। डाक्टर महेंद्र कुमार ने 30 सितंबर 2014 को बताया कि पत्नी का आपरेशन करना पड़ेगा तभी डिलेवरी होगी। इसके बाद करीब तीन बजे डाक्टर महेंद्र कुमार अपने सहयोगियों के साथ लापरवाही पूर्वक आपरेशन कर दिया। जिसके चलते उसकी पत्नी की हालत गंभीर हो गई और आपरेशन कक्ष से बाहर आने के थोड़ी देर बाद ही पत्नी कलावती की मौत हो गई। इस तहरीर पर पुलिस ने एफ आई आर दर्ज कर मामले की विवेचना किया। पर्याप्त सबूत मिलने पर न्यायालय में चार्जशीट दाखिल किया था। मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान व पत्रावली का अवलोकन करने के बाद दोषसिद्ध पाकर दोषी डाक्टर महेंद्र कुमार को छह माह की कैद की सजा सुनाई। साथ ही एक लाख रूपये बतौर क्षतिपूर्ति वादी मुकदमा को देने के लिए डाक्टर महेंद्र कुमार को 60 दिन में जमा करने का आदेश दिया है। जेल में बिताई अवधि सजा में समाहित की जाएगी। अभियोजन पक्ष की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता ज्ञानेंद्र शरण रॉय ने बहस की।