
सोनभद्र : संकट मोचन ही बने भुईली गांव वालों के लिए संकट।बता दें कि विकास खण्ड जमालपुर,मीरजापुर के भुईली खास गांव में बंदरों का आतंक कुछ इस कदर फैला हुआ कि लोगों का घरों से सामान लेकर अकेले निकलना मुश्किल हो गया है,खासकर के महिलाएं एवं बच्चें तो बंदरों के भय से घरों में कैद से हों गये है।पिछले चार-पांच वर्षों से भुईली खास गांव में बंदरों का आतंक बदस्तूर जारी है,इधर साल भर से इनकी आबादी भी बढ़कर सैकड़ों में हों गई है,इसलिए भोजन के लिए ये अक्सर महिलाओं एवं बच्चों पर हमला बोल देते है।अब तक बंदरों के हमलों में पच्चीसों लोग घायल हो चुके हैं तथा इलाज में दसीयों लाख रुपए खर्च भी कर चुके हैं,कुछ लोग तो आजीवन विकलांग भी हो चुके है।बंदरों को पकड़वाने के लिए थाना समाधान दिवस,तहसील समाधान दिवस,किसान समाधान दिवस से लेकर तमाम जिम्मेदार अधिकारियों को इस संबंध में प्रार्थना पत्र भी दिया जा चुका है लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं निकला।इसी गांव में मेरा गांव,मेरा गौरव अभियान के तहत

जिलाधिकारी महोदया भी आ चुकी है,उसमें भी ग्रामीणों द्वारा बंदरों के आतंक के संबंध में प्रार्थना पत्र दिया गया था लेकिन सब आश्वासनों में ही गुम हो गया।एक बार वन विभाग द्वारा फोन कर बताया गया कि इस समस्या के समाधान के लिए वन विभाग कुछ भी नहीं कर सकता,सिर्फ पकड़ने के लिए परमिशन दे सकता है।अभी दो दिन पहले ही अपने घर के छत पर बैठी दस वर्षीय गोल्डी पुत्री बबलु यादव के उपर बंदरों द्वारा हमला कर कई जगह काट लिया गया,बचने के लिए छत से नीचे कूद गयी,फिर भी बंदर उस पर हमला करते रहे,दाहिना हाथ भी टूट गया।उसके पिता तत्काल उसको हास्पिटल ले गए जहां रैवीज,टिटनेस आदि का टीका लगाने सहित हाथ में प्लास्टर भी लगाया गया,जिसमें हजारों रुपए लग गये।दिनों-दिन बंदरों के बढ़ते हमलों एवं बार-बार आग्रह करने के बाद भी कोई उचित कार्यवाही नहीं किए जाने से ग्रामीण काफी आक्रोशित हैं।मौके पर ही ग्रामीणों द्वारा प्रर्दशन कर तत्त्काल बंदरों को पकड़े जाने का मांग भी किया गया।प्रर्दशन करने वालों में अन्न दाता मंच के संयोजक चौधरी रमेश सिंह सहित शहीद अहमद,गोबिंद केशरी,भोजु यादव,राजु शर्मा,बबलु यादव, संतोष यादव,नवीन मोदनवाल,तिलक जायसवाल, पप्पू शर्मा,राजबली यादव, मनोज यादव,पिन्टू यादव आदि लोग मौजूद रहे।