
(नसीम सिद्दीकी) कोन/सोनभद्र। आज कोन में जश्न ए आमद ए रसूल के मौके पर जुलूस व मक्के मदीना की झांकी निकाल कर बड़े ही अक़ीदत के साथ जश्न ए ईद मिलादुन्नबी मनाया गया। जुलूस में मदीना शरीफ की दो आकर्षक झांकियों के साथ डीजे शामिल किए गए थे। सल्लाहऊल्लाह अलहिवसल्लम की आमद की याद की खुशी में लोगों नारे बुलंद किए। झांकियों के साथ लोग नाते पाक व कसीदे पढ़ते हुए चल रहे थे। जुलूस कोन क्षेत्र के देवाटन, बरवाखाड़, खरौधी, नूरीनगर, गिधिया, करइल, बागेसोती, मझिगांवा, खरौंधी आदि गांवों से जुलूस-ए-मोहम्मदी निकाल कर कोन जुलूस में समल्लित करके कोन क्षेत्र के समस्त मुस्लिम भाइयो ने कोन मुहल्ले से होते हुए डी जे के साथ चला और “पत्ती पत्ती फूल फूल या रसूल या रसूल” नारो के साथ बस स्टैण्ड से गुजरते हुए थाना से होते हुए कोन जामा मस्जिद पर समापन होकर सभा में तब्दील कर क्षेत्र नगर व देश के लिए अमन व शांति के लिए दुआएं भी मांगी गई । मौलाना अब्दुल सलाम ने तकरीर में बताया कि बारहवफात का दिन इंसानियत के इतिहास में खास मुकाम हासिल रखता है रविअव्वल उर्दू का महीना है इसमें आज ही के दिन अल्लाह के नबी मोहम्मद साहब की पैदाइश अरब के सरजमीं पर हुआ था और आज ही के दिन नबी की वफात भी हुई थी जिसके कारण इसे आज के दिन नबी सल्लाहऊल्लाह अलहिवसल्लम के जन्मदिन की ईद मिला दुन्नवी भी कहा जाता हैं। मौलाना मो0 शमशेर साहब ने नबी सल्लाहऊल्लाह अलहिवसल्लम की जीवनी पर प्रकाश डालते हुये कहा कि अल्लाह ने उन्हें सारे कायनात के लिये रहमत बना कर भेजा। इंसान हो, हिन्दू हो या मुस्लिम, बूढ़ा हो या जवान, गोरा हो काला सब को बराबर का हक है और बताया कि आप गरीबो, यतीमों और मज़लूमों की मदद करे चाहे वी किसी तबका, या धर्म का हो। मौलाना गुलाम सरवर ने अपने तकरीर से नबी द्वारा बताए गए राह पर चलने के लिए मुसलमानों को कहा। इस अवसर पर जामा मस्जिद के पेशिमाम मौलाना मुस्तकीम ने नबी की याद में हकीकत के नजराने की अकीदत भी पेश किये। शान्ति व्यवस्था हेतू प्रभारी निरीक्षक अमरजीत चौहान समेत भारी संख्या मे पुलिस बल साथ रही। जुलूस में मुख्य रूप से हेड सदर अब्दुल राजिक, मौलाना शमशेर साहब, मौलाना अब्दुल सलाम साहब, मौलाना मुस्तकीम, मौलाना फिरोज साहब, मौलाना नजीर, ईद मुहम्मद ख्जान्ती साहब, समीम सिद्दीकी, कोन सदर लियाकत अली, ग्राम प्रधान डॉ वसीउल हसन, मौलाना सरफुद्दीन, मौलाना सिराजुद्दीन, रुकमुद्दीन, इसरार अली पूर्व ग्राम प्रधान, साबिद अली, हातिम अली, इबरार अली पूर्व ग्राम प्रधान, मुमताज, अमीरुद्दीन, जफ़र हुसैन पूर्व ग्राम प्रधान, मंसूर अली, मु0 नसीम उर्फ़ गुड्डू मिस्त्री समेत हजारों लोग शामिल रहे।
“फिदा ना हो जो नबी पर वह उम्मती क्या है
जो जिक्र ना करेे उनका वह बंदगी क्या है
दरे रसूल पर ले चल जुनून ए इश्क मुझे
बगैर आका के गुजरी वो जिंदगी क्या है”