राष्ट्रव्यापी उद्घाटन 15 नवंबर को प्रधानमंत्री रांची के खूंटी से करेगें
यात्रा के दौरान लोग अपने अनुभव ‘कहानी मेरी जुबानी’ केंन्द्र सरकार से कर सकेंगे साझा: विजय कुमार अपर महानिदेशक, पीआईबी
सोनभद्र : उत्तर प्रदेश में राष्ट्रव्यापी “विकसित भारत संकल्प यात्रा” की शुरुआत सोनभद्र जनपद के राबर्ट्सगंज ब्लॉक के रुदौली गांव से होगी। इस दौरान जनजातीय जिले सोनभद्र में सूचना, शिक्षा और संचार (आईईसी) वैन के जरिये केंद्रीय योजनाओं के प्रति लोगों को जागरूक किया जायेगा। बाद में यह वैन बेलच गांव के लोगों को केंद्रीय योजनाओं में बताएगी और अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराएगी।
इस यात्रा का देशव्यापी शुभारम्भ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भगवान बिरसा मुंडा जयंती “जनजातीय गौरव दिवस” के अवसर पर 15 नवंबर को रांची के खूंटी से करेगें। इस
कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘प्रधानमंत्री विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह मिशन’ का भी शुभारंभ करेंगे। प्रधानमंत्री-किसान योजना की 15वीं किस्त भी वह जारी करेंगे और झारखंड में कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन, शिलान्यास और उन्हें राष्ट्र को समर्पित करेंगे।
पत्र सूचना कार्यालय, PIB लखनऊ के अपर महानिदेशक विजय कुमार ने बताया कि संकल्प यात्रा के पहले चरण में आदिवासी जिलों के सभी गांवों और स्थानीय नगर निकायों को कवर किया जायेगा। दूसरे चरण में, देश के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में यह अभियान 22 नवंबर 2023 से 25 जनवरी 2024 तक चलेगा l अपर महानिदेशक ने बताया कि ग्रामीण भारत में लगभग 2500 रथें सभी पंचायतों से गुजरेगीं जबकी 200 की संख्या में ये रथ देश के 3700 शहरी निकायों के 14 हजार स्थानों पर प्रचार-प्रसार करेगीं l
उन्होंने बताया कि अभियान के क्रम में उत्तर प्रदेश के शहरी इलाकों में 19 रथें प्रदेश के 777 नगर निकायों के लगभग ढाई हजार स्थलों पर केंद्र सरकार द्वारा संचालित जन कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी देगें l
सोनभद्र में कार्यक्रम के नोडल अधिकारी जय प्रकाश ने बताया की बुधवार को कार्यक्रम की शुरुआत सोनभद्र में रुदौली गांव से की जाएगी। इस दौरान जनप्रतिनिधियों के अलावा जनपद के शीर्ष अधिकारी उपस्थित रहेंगे।
उन्होंने ने बताया कि सुसज्जित वैन क्षेत्रीय भाषाओं में ऑडियो-विजुअल, ब्रोशर, पैम्फलेट और अन्य माध्यमों से केंद्रीय योजनाओं का प्रचार -प्रसार करेंगी। इस यात्रा का एक प्रमुख घटक यह है कि न केवल सूचनाओं का प्रचार -प्रसार किया जायेगा बल्कि योजनाओं के बारे में लाभार्थियों और आम जन से फीडबैक भी एकत्रित किया जायेगा l यात्रा के दौरान लोग अपने अनुभव ‘कहानी मेरी जुबानी’ साझा कर सकेंगे और ऑन स्पॉट क्विज प्रतियोगिता में भाग ले सकेंगे। इन वैन के माध्यम से प्रधानमंत्री के मन की बात का सीधा प्रसारण किया जाएगा। इसके अलावा प्रधानमंत्री के साथ वर्चुअल सवाल-जवाब का सत्र भी आयोजित किया जाएगा l यात्रा के दौरान स्वास्थ्य शिविर, आधार नामांकन, मेरा भारत स्वयंसेवक नामांकन जैसी सेवाएं भी कार्यक्रम स्थल पर प्रदान की जाएंगी। ड्रोन प्रदर्शन और मृदा स्वास्थ्य कार्ड और प्राकृतिक खेती पर प्रगतिशील किसानों के साथ बातचीत जैसी कृषि गतिविधियाँ भी ” विकसित भारत संकल्प यात्रा के प्रमुख उद्देश्य हैं l प्रधानमंत्री ने भारत को 2047 तक एक विकसित देश बनाने का लक्ष्य बनाया है, इसलिए जागरूकता पैदा करने और विकासात्मक और कल्याणकारी योजनाओं में जनभागीदारी सुनिश्चित करने के लिए विकसित भारत संकल्प यात्रा की योजना बनाई गयी है।
विकसित भारत संकल्प यात्रा
प्रधानमंत्री का यह निरंतर प्रयास रहा है कि सरकार की प्रमुख योजनाओं को लोगों तक पूरी तरह पहुंचाया जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि इन योजनाओं का लाभ समयबद्ध तरीके से सभी लक्षित लाभार्थियों तक पहुंच सके। योजनाओं की संतृप्ति का यह लक्ष्य पाने के लिए एक बड़ा कदम उठाते हुए प्रधानमंत्री जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर ‘विकसित भारत संकल्प यात्रा’ शुरू करेंगे।
यह यात्रा लोगों के पास जाने, जागरूकता पैदा करने और स्वच्छता सुविधाओं, आवश्यक वित्तीय सेवाओं, बिजली कनेक्शन, एलपीजी सिलेंडर तक पहुंच, गरीबों के लिए आवास, खाद्य सुरक्षा, उचित पोषण, विश्वसनीय स्वास्थ्य सेवा, स्वच्छ पेयजल जैसी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ प्रदान करने पर केंद्रित होगी। संभावित लाभार्थियों का नामांकन इस यात्रा के दौरान मिले विवरणों के जरिए किया जाएगा।
‘विकसित भारत संकल्प यात्रा’ के शुभारंभ के अवसर पर प्रधानमंत्री झारखंड के खूंटी में आईईसी (सूचना, शिक्षा और संचार) वैन को हरी झंडी दिखाएंगे। यह यात्रा महत्वपूर्ण जनजातीय आबादी वाले जिलों से शुरू होगी और 25 जनवरी, 2024 तक देश के सभी जिलों को कवर करेगी।
प्रधानमंत्री पीवीटीजी मिशन
कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री एक अनुपम पहल – ‘प्रधानमंत्री विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह (प्रधानमंत्री पीवीटीजी) मिशन’ का शुभारंभ भी करेंगे। 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 75 पीवीटीजी 22,544 गांवों (220 जिलों) में रहते हैं, जिनकी आबादी लगभग 28 लाख है।
ये जनजातियां बिखरी हुई, दूरस्थ, दुर्गम बस्तियों में और अक्सर वन क्षेत्रों में रहती हैं। इसलिए लगभग 24,000 करोड़ रुपये के बजट वाले इस मिशन में पीवीटीजी परिवारों और इनके आवासों को सड़क और दूरसंचार कनेक्टिविटी, बिजली, सुरक्षित आवास, स्वच्छ पेयजल, स्वच्छता, शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण तक बेहतर पहुंच और स्थायी आजीविका के अवसर जैसी बुनियादी सुविधाओं से युक्त करने की योजना बनाई गई है।
इसके अलावा पीएमजेएवाई, सिकल सेल रोग उन्मूलन, टीबी उन्मूलन, शत-प्रतिशत टीकाकरण, प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व योजना, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, प्रधानमंत्री पोषण, प्रधानमंत्री जनधन योजना आदि के लिए अलग से संतृप्ति सुनिश्चित की जाएगी।