
नारायणपुर पंप कैनाल पर मौत के मुंह में मछली पकड़ने का हो रहा है कार्य “जिम्मेदार कौन”
(राहुल गुप्ता)मिर्ज़ापुर। एशिया में अपना स्थान रखने वाला नारायणपुर में स्थित पंप कैनाल मिर्ज़ापुर ,चंदौली जिले में पानी का सौगात सिंचाई हेतु एवं पशुओं के पीने हेतु उपलब्ध कराता है। वही पंप कैनाल में सुरक्षा व्यवस्था की बात की जाए तो नगण्य है। कैनाल के सबसे खतरनाक एवं प्रतिबंधित एरिया में इन दिनों आसपास के ग्रामीणों का मछली पकड़ने का आजादी बन गया है वही कैनाल में लगे पाइप जो काफी फिसलन एवं ढलान पर हैं उस पर बैठकर जाल फैलाकर तथा कटिए का प्रयोग करते हुए ग्रामीण मछली मारने व पकड़ने का काम कर रहे हैं। इस प्रकार की घटनाएं कई प्रकार से अनवरत होती आ रही हैं वहीं बहावदार एवं गहरा पानी का होना किसी खतरे से कम नहीं होता यह सभी जानते हुए भी मौत के कुएं में मौत का खेल खेलने को ग्रामीण तैयार है। वर्जित प्रतिबंधित एरिया में बाहरी लोगों का आना तथा इस प्रकार मछलियो के पकड़ने के लिए जाल फैलाना, पानी के पाइप पर बैठना कहीं न कहीं से सुरक्षा व्यवस्था को चिढ़ाने की बात दिख रही है। एशिया में स्थान रखने वाला कैनाल जहां सुरक्षा व्यवस्था और अनुशासन को प्राथमिकता होनी चाहिए वहा इस प्रकार लापरवाही का आखिर में जिम्मेदार कौन है? यह सोचने का विषय है संबंधित अधिकारी, संबंधित अभियंता की सुरक्षा व्यवस्था एवं अन्य व्यवस्थाओं पर प्रश्न खड़ा हो गया है। इस प्रकार के कृत्य निश्चित रूप से किसी बड़े घटना का इंतजार कर रही है। देखना यह है कि किसी के मौत की सूचना नारायणपुर पंप कैनाल से कब प्राप्त होती है।
सूत्रों की माने तो इस प्रकार से यह हमेशा मछली पकड़ने का कार्य ग्रामीण वहां के करते रहते हैं वहीं विभाग के कर्मचारी व अधिकारी के सामने इस प्रकार की घटनाएं हो रही है और अधिकारी मौन हैं । आखिर क्या लाभ है इन अधिकारियों को क्यों दे रहे हैं आजादी इन सभी को मछली पकड़ने की विचारणीय विषय बन गया है। चलती हुई नहर इस प्रकार से मछली पकड़ने का कार्य यदि होता रहा तो किसी बड़ी घटना का होना लाज़मी है। देखना यह है कि शासन प्रशासन और सिंचाई विभाग के आला अधिकारी इस वर्जित क्षेत्र में मछली पकड़ने का कार्य कब रोकते हैं।